भले उनको कटू बातें पूराने याद रहते हैं
हमें हर हाल में रिश्ते निभाने याद रहते हैं
कफ़स में क़ैद होकर भी नही नादां परिंदों को
फंसाया जिसने वो गेंहू के दाने याद रहते हैं
गले मिलकर के रोए थे कभी गुरबत में जो हमसे
वो अपने याद रहते हैं, बेगाने याद रहते हैं
बहुत मशरूफ़ियत है कम हुई यादास्त भी लेकिन
किसी को याद करने के बहाने याद रहते
हैं
जवानी कैसी गुज़री याद है पर खास पल ही बस
मगर बचपन के सारे पल सुहाने याद रहते हैं
थीं कैसी चादरें, थे कैसे बिस्तर, याद है किसको
मगर पापा की बाँहों के सिरहाने याद रहते हैं
किसी से रोज मिलना चुपके चुपके, ऐसे भी दिन थे
जो हर दिन बुनते थे वो ताने बाने
याद रहते हैं
जो भूखे पेट सोए और मिहनत से बने हाकिम
उन्हें फ़ाकाकशी के वो ज़माने याद रहते हैं
मशीनों से जो बनती हैं नए गाने क्षणिक हैं ये
बने थे दिल से जो गाने पूराने याद रहते हैं
दीवाने तो कई आए गए पर सच है ये सागर
भगत, आज़ाद, बिस्मिल से दीवाने याद रहते हैं
विमलेन्दु सागर (9818885474)

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