My Photos

My Photos

गुरुवार, 20 अगस्त 2015

हजारों रंग हैं इस ज़िंदगी के



उठाओ लुत्फ़ हर पल, हर घड़ी के
हजारों रंग हैं इस ज़िंदगी के

खुशी कुछ कुछ कसैली लग रही है
नतीजा बेमज़ा है बंदगी के

तला दीये का देखो तो कहोगे
अंधेरे से है रिश्ते रोशनी के

ये माना घाव गहरे हैं बदन पर
मगर क्या खूब स्वर हैं बांसुरी के

करो कुर्बान जां को इस वतन पर
तभी संतान होगे भारती के

पुरानी डायरी बतला रही है
हमारे दिन भी थे फ़ाकाकशी के

कई परतें चढ़ाए सूरतें हैं
मगर दीवाने हैं हम सादगी के

सियासत भ्रष्ट है जाने है सागर
रखे उम्मीदें लेकिन बेहतरी के
............. विमलेन्दु सागर

जो मिला, जैसा मिला, कर लो यकीं अच्छा मिला


जो मिला, जैसा मिला, कर लो यकीं अच्छा मिला
है नहीं कोई जिसे जीवन ये मनचाहा मिला

ये हमारा भ्रम है शायद या यही सच्चाई है
जाने क्यों हर शख़्स अंदर से मुझे रोता मिला

एक सूरत ख़्वाब में आती रही वर्षों मेरे
आज तक हमको न कोई शक्ल उस जैसा मिला

देॆखने में था वो बिल्कुल आम लोगों की तरह
उसके घर से पर हमें कुरआन संग गीता मिला

उम्र को है प्यार कितना बचपने से देखिए
हर बुढ़ापे में छुपा मासूम सा बच्चा मिला

है वही झगड़े की बातें और रोना धोना ही
सीरियल में औरतों का मन मगर डूबा मिला

दूसरों के वास्ते सागर लुटाता मोती पर
खुद की खातिर अपना पानी भी उसे खारा मिला
............... विमलेन्दु सागर

बुधवार, 19 अगस्त 2015

आंधियों में शमा जल रही दोस्तोंं

..........................................
आंधियों में शमा जल रही दोस्तों
ये ख़ुदा की है कारीगरी दोस्तों

इस क़दर हम जमीं को जलाने लगे
सूखने अब लगी है नदी दोस्तों

सच अकेला बहुत पड़ गया आजकल
जीत होने लगी झूठ की दोस्तों

कृष्ण राधा के हैं या वो मीरा के हैं
और मै.. रो रही रुक्मणी दोस्तों

जो न रोजा रखे, इफ़्तारी करे
वोट की अहमियत है बड़ी दोस्तों

आज भी संस्कारों से लिपटी है वो
सच में है वो कोई बावली दोस्तों

याद करने से पहले ही वो आ गई
बात है ये मगर ख़्वाब की दोस्तों

प्यार जैसा ही कुछ बालपन में हुआ
भूल पाया न उसकी गली दोस्तों

है तमन्ना यही सब तलाशे मुझे
छोड़ जाऊँ मैं वो शायरी दोस्तों

लफ़्ज़ "हम" जैसा सागर नही है कोई
भूल जाओ तेरी या मेरी दोस्तों
......................... विमलेन्दु सागर