My Photos

My Photos

गुरुवार, 20 अगस्त 2015

जो मिला, जैसा मिला, कर लो यकीं अच्छा मिला


जो मिला, जैसा मिला, कर लो यकीं अच्छा मिला
है नहीं कोई जिसे जीवन ये मनचाहा मिला

ये हमारा भ्रम है शायद या यही सच्चाई है
जाने क्यों हर शख़्स अंदर से मुझे रोता मिला

एक सूरत ख़्वाब में आती रही वर्षों मेरे
आज तक हमको न कोई शक्ल उस जैसा मिला

देॆखने में था वो बिल्कुल आम लोगों की तरह
उसके घर से पर हमें कुरआन संग गीता मिला

उम्र को है प्यार कितना बचपने से देखिए
हर बुढ़ापे में छुपा मासूम सा बच्चा मिला

है वही झगड़े की बातें और रोना धोना ही
सीरियल में औरतों का मन मगर डूबा मिला

दूसरों के वास्ते सागर लुटाता मोती पर
खुद की खातिर अपना पानी भी उसे खारा मिला
............... विमलेन्दु सागर

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें