जहां तक
हो जोखिम उठाना
मना है
मुसीबत से पर
हार जाना मना
है
शहर है,
यहां सबसे अनजान
हैं सब
यहाँ कोई रिश्ता बनाना मना है
वो क्या
आदमी है बगीचे
में जाकर
कहे चिड़ियों
से चहचहाना मना
है
जो ऊँगली
उठाते रहे दूसरों
पर
जो खुद
पर उठे तिलमिलाना
मना है
कुचल दें
न कारें पिए
वो हुए हैं
सड़क की
किनारे यूँ सोना
मना है
समंदर की फितरत
है लहरें उठाना
यहां रेत
से घर बनाना
मना है
बचाया उसे, उससे
कह क्यों रहे
हो
यूँ एहसान
करके जताना मना
है
ये सागर
कहे भीख मांगे
न कोई
ये किसने
कहा की कमाना
मना है





