आसान हो या मुश्किल हर राह हम चलेंगे
हम साथ ही जिएंगे हम साथ ही मरेंगे
तेरे हुस्न का उजाला कायम तो है हमीं से
गर हम चले गए तो ये भी नहीं रहेंगे
जो दिल में है तुम्हारे उसको ज़ुबान दे दो
कुछ हमसे तुम भी कह दो कुछ तुम से हम कहेंगे
है चाँद के बाराती तारे चमक रहे हैं
प्रीतम चकोर तुझको डोली में ले चलेंगे
दुनिया को क्या पता है ज़द और ज़िद हमारी
हम होंसलों के दम पर आकाश को छुएंगे
ये सच है हम सभी को जाना है इस जहाँ से
ये शायरी रहेंगी शेरों से हम रहेंगे

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