ये किसने
कहा दिल में
आना मना है
मगर आके
दिल तोड़ जाना
मना है
जो रूठे
तो रूठे मगर
छुप गए क्यों
ये समझें
की तुमको मनाना
मना है
है ताक़ीद
हमको न मय
को है छूना
चलो ज़िद
ये छोडो, कहा
ना मना है
न पहलू
से जाओ अभी
शब है बाक़ी
कहे चाँद
भी तुमको जाना
मना है
ग़ज़ल तुम
सुनाओ ये ख्वाहिश
है शब की
सितारों का दिल
तोड़ जाना मना
है
है मुमकिन
की कोई नमक
ही लगा दें
यूँ ही
जख्म सबको दिखाना
मना है
जो आये
तो थोड़ा बरस
जा तुन बादल
यूँ ही
खामखा गड़गड़ाना मना
है
जियो हँसते
गाते, कहे सबसे
सागर
यूँ खामोश जीवन बिताना मना है

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