My Photos

My Photos

रविवार, 21 जून 2015

ये किसने कहा दिल में आना मना है



ये किसने कहा दिल में आना मना है
मगर आके दिल तोड़ जाना मना है

जो रूठे तो रूठे मगर छुप गए क्यों
ये समझें की तुमको मनाना मना है

है ताक़ीद हमको मय को है छूना
चलो ज़िद ये छोडो, कहा ना मना है

पहलू से जाओ अभी शब है बाक़ी
कहे चाँद भी तुमको जाना मना है

ग़ज़ल तुम सुनाओ ये ख्वाहिश है शब की
सितारों का दिल तोड़ जाना मना है

है मुमकिन की कोई नमक ही लगा दें
यूँ ही जख्म सबको दिखाना मना है

जो आये तो थोड़ा बरस जा तुन बादल
यूँ ही खामखा गड़गड़ाना मना है

जियो हँसते गाते, कहे सबसे सागर
यूँ खामोश जीवन बिताना मना है

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें