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शुक्रवार, 5 जून 2015

पूजनीया माँ को नमन :- मेरी जननी मेरी माँ हो तुम


नमन करूँ मैं नमन करूँ 
हे माँ मैं तेरा नमन करूँ 
आरम्भ भी तुम, मेरा अंत तुम्ही 
मेरा शुन्य भी तुम, अनंत तुम्ही 
मेरी सोच में तुम, मेरे भाव में तुम 
व्यक्तित्व में तुम, स्वाभाव में तुम 
मेरी रग रग में बहती हो तुम 
मेरी साँसों में बसती हो तुम 
मैं देखूं जहाँ, तुम दिखती हो 
कुछ न देखूं, तुम दिखती हो 
मेरी सुबह तुम्हीं, मेरी शाम तुम्हीं 
मेरा सुकून भी तुम, आराम तुम्ही 
मेरा नाम भी तुम, पहचान तुम्ही 
मेरे मंदिर का भगवान तुम्ही 
मेरी रूह भी तुम, मेरे मन भी तुम 
मेरा दिल भी तुम, धड़कन भी तुम 
मेरे रोम रोम में तूं ही तूं 
मेरे धरा-व्योम में तूं ही तूं 
मेरा जीवन तेरे शरण में है 
मेरा मोक्ष तुम्हारे चरण में है 
मेरी लेखनी का स्वर तुमसे है 
मेरे अक्षर-अक्षर तुमसे है 
मेरी राह भी तुम, मंज़िल भी तुम 
मेरी नाव भी तुम, साहिल भी तुम 
भवसागर का पटवार हो तुम 
मेरे सात जन्मों का सार हो तुम 
मेरी प्रेम, प्रीत सब तुम ही हो 
मेरी ग़ज़ल, गीत सब तुम ही हो 
मेरे जीवन का आधार हो तुम 
मेरा सारा संसार हो तुम
तुम पूज्य हो, तुम पूजनीय हो 
तुम वन्दनीय, आदरणीय हो 
तुम मेरी भाग्य विधाता हो 
मेरी प्राणदायिनी माता हो 
हर पल, हर क्षण तेरा नमन करूँ 
तेरे कदमों में मैं जियूं मरुँ 
तुम सृष्टि हो, ब्रम्हा हो तुम 
मेरी जननी, मेरी माँ हो तुम 
विमलेन्दु सागर

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