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रविवार, 21 जून 2015

ये किसने कहा की कमाना मना है



जहां तक हो जोखिम उठाना मना है
मुसीबत से पर हार जाना मना है

शहर है, यहां सबसे अनजान हैं सब
यहाँ कोई रिश्ता बनाना मना है

वो क्या आदमी है बगीचे में जाकर
कहे चिड़ियों से चहचहाना मना है

जो ऊँगली उठाते रहे दूसरों पर
जो खुद पर उठे तिलमिलाना मना है

कुचल दें कारें पिए वो हुए हैं
सड़क की किनारे यूँ सोना मना है

समंदर की फितरत है लहरें उठाना
यहां रेत से घर बनाना मना है

बचाया उसे, उससे कह क्यों रहे हो 
यूँ एहसान करके जताना मना है

ये सागर कहे भीख मांगे कोई
ये किसने कहा की कमाना मना है

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